कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही हम डर जाते हैं क्योंकि इसका अब तक कोई स्पष्ट इलाज नहीं मिल पाया है लेकिन समय पर रहते उपचार एवं कुछ खास आहार के बारे में पूर्ण जानकारी हो तो इस पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है।
आखिर क्या होता है कैंसर ?
हमारे शरीर में अनगिनत कोशिकाएं बनी हुई होती है। इन कोशिकाओं के जीन में निरंतर विभाजन भी होता रहता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है और इस पर शरीर का पूरा नियंत्रण भी होता है। लेकिन कभी.कभार जब शरीर के किसी अंग की कोशिकाओं पर शारीरिक नियंत्रण कमजोर पड़ जाता है और कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैए तो यह कैंसर का रूप लेेती है।
कैसे होती है कैंसर की शुरुआत ?
जब हमारे शरीर में कोशिकाओं के जीन में बदलाव होने लगता है तो कैंसर की शुरुआत होती है। यह बदलाव किसी एक ही कारण से हो, यह जरूरी नहीं है। यह स्वयं भी बदलते रहते हैं या फिर किसी ऐसे कारणों से जो हम बाहरी रूप में ग्रहण करते हैं जैसे गुटखा खाना, तंबाकू, शराब जैसी नशीली चीजों का सेवन करना, अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन, रेडिएशन आदि से बदल जाते हैं।
अगर इसके शुरुआत की बात करें तो कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कोशिकाओं को मार देता है और कैंसर की शुरुआत होती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कैंसर की कोशिकाएं को हमारा इम्यून सिस्टम झेल नहीं पाता है और व्यक्ति को एकदम से लाइलाज बीमारी हो जाती है। अगर बीमारी के बढ़ते क्रम की बात करें तो शरीर में कैंसर वाली कोशिका जब बढ़ती रहती है वैसे.वैसे हमारे एक प्रकार की गांठ बनने लगती है और इसका अगर सही समय पर इलाज न हो तो यह गांठ पूरे शरीर में फैल जाती है।
कितने प्रकार का होता है कैंसर ?
शोधकर्ताओं के अनुसार करीब 200 से अधिक प्रकार का कैंसर होता है और इस सभी के लक्षण भी अलग.अलग हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको कैंसर के कुछ खास प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है तो आइए जानते हैं कैंसर के प्रकार….
ब्लड कैंसर
यह लोगों में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। इससे व्यक्ति के शरीर में रक्त कोशिकाओं में कैंसर हो जाता है और इसके चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।
फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों के कैंसर में व्यक्ति की स्थिति और भी खराब हो जाती है। व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। गले में बलगम जम जाता है और जोड़ों में बहुत दर्द होता है। भूख नहीं लगती है। शरीर कमजोर पड़ जाता है और बेवजह थकान लगती है।
ब्रेन कैंसर
जैसा कि नाम से स्पष्ट है या कैंसर मस्तिष्क वाले हिस्से में होता है इसे ही ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है। इस कैंसर में रोगी के दिमाग वाले भाग में गांठ बन जाती है और यह बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है।
स्तन कैंसर
स्तन कैंसर या कहे कि ब्रेस्ट कैंसर विशेषकर महिलाओं को होता हैए लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता। इस कैंसर से ग्रसित महिलाओं के स्तन में एक प्रकार की गांठ बनने शुरू होती है जो धीरे-धीरे बहुत अधिक बढ़ने लगती है।
स्किन कैंसर
स्किन कैंसर को लेकर भी देश में मामले सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि यह कैंसर बहुत अधिक गर्मी में रहने, सही भोजन ना करने और बिना शारीरिक गतिविधि के जीवन यापन करने से होता है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
कैंसर के सामान्य लक्षण
- अत्यधिक थकान
- बेवजह वजन घटना
- कमजोरी
- फोड़ा या गांठ
- कफ और सीने में दर्द
- कुल्हे या पेट में दर्द
- पीरियड्स में तकलीफ आदि।
कैंसर होने पर क्या करें?
वैसे तो शुरुआती चरण में यह जानना मुश्किल रहता है कि आपको कैंसर है या नहीं। लेकिन उपरोक्त दिए गए कैंसर और उनके लक्षणों में से अगर कोई भी आप महसूस करते हैं तो ऐसे में अपने नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए और कैंसर और उसकी स्टेज जानने के लिए कुछ टेस्ट होते हैं जो करवाना चाहिए। जिसके बाद ही रोगी का इलाज शुरू होता है।
यहाँ पर हम आपको कुछ ऐसी जांचों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें करवाकर आप कैंसर की स्टेज के बारे में जान सकते हैं!
- सीबीसी और डब्ल्यूबीसी
- सिटी स्कैन
- पीईटी स्कैन
- एक्सरे
- ब्रोंकोस्कोपी
- ईबीयूएस
- हीमोग्लोबिन टेस्ट
- बायोप्सी
कैंसर से बचाव के उपाय
यूं तो सामान्य रूप से अच्छी दिनचर्या, मानसिक तनाव न लेने, तंबाकू, गुटखा, शराब का सेवन न करने इत्यादि से भी कैंसर से बचा जा सकता है। साथ ही समय पर इसकी पहचान कर उपचार लेने से भी कैंसर पर नियंत्रण संभव है। इसके अलावा कैंसर के इलाज के लिए मेडिकल साइंसेज में कुछ ऐसी थैरेपिज है जिनसे कैंसर का इलाज संभव है। इनमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, प्रेसिजन मेडिसिन प्रमुख है। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञ कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार भी बताते हैं, जो भी कैंसर के इलाज में सहायक सिद्ध हो सकता है।
कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में कैंसर के अनेक उपचारों के बारे में जानकारी मिलती है। आयुर्वेद में कैंसर के इलाज के लिए कुछ पद्धतियों का भी जिक्र है, जिसमें स्नेहन, स्वेदन, तप, उपनाह, अग्निकर्म, क्षार कर्म, शस्त्र कर्म जैसी विधियां प्रमुख है। इसके अलावा कैंसर के ट्यूमर को नियंत्रित करने के लिए पिप्पली, गिलोय, ब्राह्मी, हल्दी, अश्वगंधा, मुलेठी आदि जड़ी बुटियों का भी प्रयोग किया जाता है।
इसके अलावा कुछ विशेषज्ञ इन जड़ी बुटियों से बने विशेष आहार को खाने की भी सलाह देते हैं। देश में कुछ संस्थाएं भी हैं जो इस तरह का संतुलित आहार बनाकर कैंसर रोगियों की मदद कर रही हैं। इनमें भीलवाड़ा के श्री नवगृह आश्रम सेवा संस्थान द्वारा निर्मित पवतान कैंसर केयर आटा भी प्रमुख है। यह आटा कैसर रोगियों की खाद्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से तैयार किया गया है। पवतान कैंसर केयर आटा 6 तरह की खाद्य सामग्री का मिश्रण है जो रोगी की खाद्य जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ रोग को ठीक करने में भी सहायता करता है। पवतान आरोग्य आहार कैंसर केयर आटा में राजगीरा, मूंग, सिंघाड़ा, कट्टू, सांवा, रागी आदि महत्वपूर्ण जड़ी बुटियों होती है जो कैंसर के इलाज में मदद करती है। कैंसर रोगी बहुत अधिक मात्रा में भोजन नहीं कर सकता है ऐसे में पवतान् आरोग्य आहार 100 ग्राम आटा एक समय के सम्पूर्ण खाने की जरुरत पूरी करता है। पवतान आरोग्य आहार कैंसर रोगी के कीमोथेरपी रेडियशन के दुष्प्रभावों को कम करता है। पवतान आरोग्य आहार 5 हजार से अधिक रोगियों पर शोध के बाद तैयार किया गया हैं।
यह कुछ उपाय थे जिनकी मदद से कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है। कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार भी सहायक सिद्ध हो सकता है।