कैसे पहचाने की शरीर में कैंसर पनप रहा हैं?

कैंसर का नाम सुनते ही हम सब डर जाते हैं, डरना लाज़मी भी है। क्योंकि कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो मौत का कारण तक बनती है। लेकिन समय पर और सही उपचार किया जाए तो इससे बचा जा सकता है। कैंसर से शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं। ऐसे में कैंसर (Cancer) शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता जाता है। अगर कैंसर के शुरुआती लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए तो इसे रिस्क लेवल तक पहुंचने से रोका जा सकता है। कैंसर के आम लक्षणों में बुखार, वजन में कमी, भूख कम लगना, हड्डियों में दर्द, खांसी या मूंह से खून आना आदि शामिल हैं।

आज के आर्टिकल में हम आपको शरीर में कैंसर के पनपने की स्थिति के बारे में बताएँगे। आइए सबसे पहले हम यह कैंसर के बारे में जानते हैं।

कैंसर क्या होता है?

सामान्य शब्दों में समझे तो कैंसर 100 से अधिक विभिन्न रोगों का एक समूह है। जो कि शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। ऐसे में जब शरीर के किसी अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर का नाम दिया गया है। ये कोशिकाएं ट्यूमर बनाती है, या कहे कि इस नाम के द्रव्यमान का निर्माण करती हैं। कैंसरयुक्त ट्यूमर घातक माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह बढ़ सकता है और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। हालांकि, कुछ प्रकार के कैंसर ट्यूमर नहीं बनाते हैं। ऐसे कैंसर में ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा शामिल हैं।

कैंसर के कितने प्रकार होते हैं?

कैंसर के चार मुख्य प्रकार माने गए हैं, जो निम्नलिखित हैं। कार्सिनोमा, सारकोमा, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा।

  • कार्सिनोमा
    कार्सिनोमा त्वचा या ऊतक में शुरू होता है, जो आंतरिक अंगों और ग्रंथियों की सतह को कवर कर लेता है। कार्सिनोमा आमतौर पर ठोस ट्यूमर बनाते हैं। ये कैंसर का सबसे आम प्रकार होते हैं। कार्सिनोमा प्रकार से होने वाले कैंसर में प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल हैं।
  • सारकोमा
    सरकोमा शरीर को सहारा देने वाले और जोड़ने वाले उत्तकों में शुरू होता है। यह सार्कोमा फैट, जोड़ों, मांसपेशियों, नसों, रक्त वाहिकाओं, लसीका वाहिकाओं, उपास्थि, हड्डी में विकसित हो सकता है।
  • ल्यूकेमिया
    ल्यूकेमिया ब्लड का कैंसर होता है। ल्यूकेमिया तब शुरू होता है जब स्वस्थ ब्लड कोशिकाएं बदलती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। ल्यूकेमिया के 4 मुख्य प्रकार होते हैं, जो तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया, क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया, तीव्र मायलोइड ल्यूकेमिया और क्रोनिक मायलोइड ल्यूकेमिया हैं।
  • लिम्फोमा
    लिम्फोमा लसीका प्रणाली में शुरू होता है। यह लसीका तंत्र वाहिकाओं और ग्रंथियों का एक नेटवर्क है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। लिम्फोमा के 2 मुख्य प्रकार होते हैं। हॉजकिन लिम्फोमा और गैर-हॉजकिन लिम्फोमा।

कैसे पहचाने शरीर में कैंसर पनप रहा है?

शरीर में पनप रहे कैंसर को पहचानने का सबसे आसान तरीका वजन का एकदम से कम हो जाना और लगातार सामान्य बुखार आना है। इसके अलावा भी निम्नलिखित लक्षणों को पहचानकर आप पता लगा सकते हैं कि आपके शरीर में कैंसर पनप रहा है या नहीं।

  • शरीर में कोई भी गाँठ तेजी से बड़ी हो रही है, वह कैंसर हो सकता है।
  • अगर किसी व्यक्ति को कई महीनों से खांसी आ रही हो और मुँह से खून पड़ता है, साथ ही वजन कम हो रहा और आवाज़ में बदलाव है तो कैंसर व्यक्ति को फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
  • अगर किसी को अत्यधिक लूज मोशन या कब्ज और जुलाब में खून जा रहा है, तो भी यह एक लक्षण हो सकता है।
  • अगर किसी को पेट में अत्यधिक दर्द हो रहा है, उसके साथ पीलिया हो गया है और वजन भी कम हो रहा है, तो यह भी एक लक्षण है।
  • अगर पेशाब में से खून जा रहा है और दर्द नहीं हो रहा है तो भी यह कैंसर का लक्षण है।

अगर कोई तम्बाकू का सेवन करता है और उसे भोजन करने में दिक्कत आ रही हो और जबड़े में दर्द होता हो तो भी यह कैंसर का लक्षण हो सकता है।
यह कुछ ऐसे लक्षण हैं जो कैंसर का कारण हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपको यह लक्षण दिखते हैं तो आपको डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए।

कैंसर के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं।

वजन कम होना

परेशानी, तनाव और खान-पान के बदलाव से किसी का भी वजन कम होना आम बात है। लेकिन अगर अचानक किसी का वजन 4 से 5 किलो कम हो जाए तो चिंता की बात हो सकती है। ये लक्षण पैंक्रियाज और पेट के कैंसर के हो सकते हैं। ऐसे में आमतौर पर वजन घटने के साथ-साथ लोगों को थकान भी महसूस होती है।

यूरीन में समस्या

लंबे समय तक कब्ज, डायरिया या फिर यूरीन के रंग में बदलाव कोलोन यानी बड़ी आंत के कैंसर के लक्षण हो सकते है। कई बार मरीज शिकायत करते हैं कि उन्हें बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है या फिर कुछ लोग पेशाब में खून आने की शिकायत भी करते हैं। ऐसी हालत में मरीज को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

बार-बार खून आना

अगर पेशाब में खून या फिर गहरे रंग के स्टूल्स कोलोन या फिर रेक्टल हो तो ये कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अगर खांसने के समय खून आ रहा हो तो ये लंग कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इतना किसी महिला के स्तन से पानी जैसा पदार्थ आ रहा हो तो फिर ये ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हैं। ऐसी हालात में डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

लगातार खांसना और गला बैठना

अगर लगातार खांसी आ रही हो और लम्बे समय से ठीक नहीं हो रही हो तो ये लंग कैंसर या फिर लैरिंक्स कैंसर के लक्षण हैं। ऐसे में डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए।

लगातार दर्द महसूस करना

शरीर में लगातार दर्द होना भी हड्डियों के कैंसर के लक्षण हैं। अगर आपके सिर में लगातार दर्द हो रहा हो तो फिर ये ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं।

त्वचा के रंग में बदलाव

कई बार लोगों की त्वचा पर काले धब्बे नजर आते हैं। लेकिन ये भी कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए।

गांठ बनना

आमतौर पर महिलाओं के स्तन में गांठें बन जाती हैं, ये भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. गांठ शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है। अगर ऐसा हो तो फिर डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

इस रोग से बचने के उपाय

1. धूम्रपान, तम्बाकू, सुपारी, पान, मसाला, गुटखा, शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. विटामिन युक्त और रेशे वाली हरी सब्जी, फल, अनाज, दाल समेत पौष्टिक भोजन करना चाहिए, इसमें रोगों से लड़ने की क्षमता होती है।

3. कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायनों से युक्त सब्जियां और फल धोकर खाने चाहिए।

4. हर दिन 8 से 10 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।

5. नमक का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। अधिक नमक खाने से पेट का कैंसर हो सकता है।

कैंसर की जांच

अधिकांश मामलों में कैंसर का पता करने का एकमात्र तरीका बायोप्सी है। इसमें रोगी के शरीर से एक सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल रिपोर्ट से इस बात का पता लगाया जाता है कि ट्यूमर में जो कोशिकाएं हैं वह कैंसर की हैं या नहीं।

कैंसर का इलाज क्या है ?

कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसपर यदि समय रहते काबू कर लिया जाए, तो इससे बचाव संभव है, लेकिन आम लोग इसे एक लाइलाज और जानलेवा बीमारी के रुप में देखते हैं। ऐसा नहीं है कि कैंसर पूरी तरह से लाइलाज है, बल्कि कैंसर का ईलाज संभव है, लेकिन इसके लिए जरुरी है समय पर इसके बारे में पता चल जाए।
आज ऐसी कई तकनीक मौजूद हैं, जिससे कैंसर का ईलाज किया जाता है। साथ ही आयुर्वेदिक औषधियां और आहार भी मौजूद है, जिसके सेवन से शरीर को कैंसर से लड़ने की शक्ति मिलती है।

  • सर्जरी (Surgery)
    इसमें डॉक्टर सर्जरी के जरिए कैंसर के ट्यूमर, ऊतकों, लिम्फ नोड्स या किसी अन्य कैंसर प्रभावित क्षेत्र को हटाने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर कभी कभी बीमारी की गंभीरता का पता लगाने के लिए भी सर्जरी करते हैं। यदि कैंसर शरीर के दूसरे अंगों में नहीं फैला हो तो, तो सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
    कीमोथेरेपी के कई चरण होते हैं। इस प्रक्रिया में ड्रग्स के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। हालांकि, उपचार का यह तरीका किसी-किसी के लिए काफी कष्टदायक भी हो सकता है।
  • रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy)
    रेडिएशन थेरेपी कैंसर कोशिकाओं पर सीधा असर करता है और उन्हें दोबारा बढ़ने से रोकता है। इस प्रक्रिया में, उच्च ऊर्जा कणों या तरंगों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
  • इम्‍यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
    इम्‍यूनोथेरेपी से प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम बनाया जाता है।
  • हार्मोन थेरेपी (Hormone therapy)
    हार्मोन थेरेपी का उपयोग उन कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है, जो हार्मोन से प्रभावित होते हैं। हार्मोन थेरेपी स्तन और प्रोस्टेट कैंसर में काफी मददगार है।
  • आयुर्वेदिक आहार
    इसके अलावा कुछ आहार भी कैंसर रोग से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करते हैं। ये आहार काफी शोध और रोगियों पर प्रयोग के बाद तैयार किये जाते हैं। इन्हीं में से एक है पवतान आरोग्य आहार। पवतान आरोग्य आहार को बरसों के शोध और रोगियों पर सफल परिक्षण के बाद तैयार किया गया है। इसके उपयोग से हमारे शरीर को कैंसर से लड़ने की क्षमता मिलती है। यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है।

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